V.S Awasthi

Add To collaction

मार्निंग वाक




प्रतियोगिता हेतु रचना 
मार्निंग वाक
#######
जब मार्निंग वाक का पार्क गयेन
सब लोग हमैं ताकन लागे।
कुछ जोर जोर से घूरि रहे
कुछ जोर जोर डांटन लागे।।
कुछ तो हैं दूरी भागि रहे
कुछ आपन मुंह झांपन लागे।
नव जवान तो ठाढ़ रहे 
बुढ़वा सब भागने लागे।।
हम कहा अरे हम भूत नहीं
नाहीं हम कोई यमदूत हवन ।
हमका जो देखि कै भागि रहेव
हम तो साधारण मानव हन।।
उई कहिन अपन कपड़ा देखौ
यो चीन ते बनि कै आवा है।
मेड इन चाइना लिखा हुआ
यो कोरोना फैलावा है।।
सारी दुनिया का मारि रहा
अमरीका का बरबाद करिस।
छोटे मोटे तो देश मिटे
सबका घुटुवन चलवाय दिहिस।।
हम कहा कि तुम का कहत हववौ
यो चीन हमारो भाई है।
हमका उपहार मा टी शर्ट दीस
वही हमै भिजवाइस है।।
है चीन हमारो खाश दोस्त
हमरे साथैं झूला झूलिस।
ताही से वो खुश होइकै
हमका सुन्दर कपड़ा भेजिस।।
सबका कोरोना खूब दिहिस।
हमरे खिन बस थोड़ा भेजिस।।।
कबहूँ कबहूँ गुर्राय जात
जैसन पालतू कुत्ता🐕 हमार।
जब रोटी का टुकड़ा डारि देत
तब पैरन मा आकै लोटि जात।।
झूठी मूठी खूब बोलि बोलि
कोरोना फैलाय दिहिस।
फिर नकली सामान बना करिकै
सब देशन मा भिजवाय दिहिस।।


      कवि विद्या शंकर अवस्थी (पथिक)




   26
4 Comments

बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन

Reply

Shnaya

12-Dec-2023 10:47 PM

Nice

Reply

Gunjan Kamal

08-Dec-2023 07:57 PM

👌👏

Reply